मुफ्त हुए बदनाम तुम्हारे शहर में आके'
मिला एक अलग ही नाम तुम्हारे शहर में आके |
आये थे अपने दिल में हम खुशियों का अरमान लिए,
मिल गए अश्क तमाम तुम्हारे शहर में आके |
अजनबियों की इस बस्ती में अपना ढूँढने हम निकले,
मिला न कोई मुकाम तुम्हारे शहर में आके |
वक़्त ने कैसा पलता पलड़ा कैसे तुम्हे बताएं हम,
काँप उठे अरमान तुम्हारे शहर में आके |
हम हैं 'सारंग' इक परदेशी रास्ता भूल गए थे हम,
हो गई सुबह से शाम तुम्हारे शहर में आके |
मिला एक अलग ही नाम तुम्हारे शहर में आके |
आये थे अपने दिल में हम खुशियों का अरमान लिए,
मिल गए अश्क तमाम तुम्हारे शहर में आके |
अजनबियों की इस बस्ती में अपना ढूँढने हम निकले,
मिला न कोई मुकाम तुम्हारे शहर में आके |
वक़्त ने कैसा पलता पलड़ा कैसे तुम्हे बताएं हम,
काँप उठे अरमान तुम्हारे शहर में आके |
हम हैं 'सारंग' इक परदेशी रास्ता भूल गए थे हम,
हो गई सुबह से शाम तुम्हारे शहर में आके |
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