बुधवार, 16 फ़रवरी 2011

जज़्बात: मुफ्त हुए बदनाम तुम्हारे शहर में आके'

जज़्बात: मुफ्त हुए बदनाम तुम्हारे शहर में आके': "मुफ्त हुए बदनाम तुम्हारे शहर में आके' मिला एक अलग ही नाम तुम्हारे शहर में आके आये थे अपने दिल में हम ..."

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