तुमको वो गुज़रा ज़माना याद आएगा.
कब तलक बीते पलों से दूर जाओगे,
फिर कोई लम्हा सुहाना याद आएगा.
होंगे वही साज फिर महफ़िल वही होगी,
तुको मेरा गुनगुनाना याद आएगा.
आज तुम दिल तोड़कर तो मुस्कुराते हो,
कल तुम्हे दिल का लगाना याद आएगा.
किस कदर फूलों से यारी करते थे हम तुम,
बागों से हर गुल चुराना याद आएगा.
तारों के दर्मियां जो मैंने बनाया था,
फलक पर वो आशियाना याद आएगा.
'सारंग' ने फिर ग़ज़ल कोई लिखी होगी नयी,
फिर तुम्हे पढ़कर सुनाना याद आएगा.
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